Hindi Story Special...
एक बार जरूर पढ़े।

किराना की दुकान पर कल कुछ सामान लेने गया था। एक बच्ची भी वहां से मैगी का बड़ा पैकेट खरीद रही थी। दुकानदार ने पैकेट देते हुए कहा- बेटा, पचहत्तर रुपए। बच्ची को कुछ समझ नहीं आया तो उसने फिर पूछा – कितने रुपए हुए अंकल? दुकानदार एक बुजुर्ग व्यक्ति थे, उन्होंने दोबारा कहा कि पचहत्तर रुपए हुए हैं बेटा, लेकिन बच्ची के चेहरे पर अब भी असमंजस के ही भाव थे। मैंने तुरन्त परिस्थिति समझकर बच्ची से कहा, ‘सेवंटी फाइव’ रुपए हुए हैं। यह सुनते ही बच्ची ने राहत की सांस ली और 100 का नोट दुकानदार को दे दिया। बच्ची के जाने के बाद दुकानदार को समझ आया कि उसे दरअसल हिन्दी की गिनती ही नहीं आती थी इसलिए वह कुछ समझ नहीं पा रही थी। हालांकि ऐसे किस्से आजकल आम हो चले है, लेकिन दु:ख तब और ज्यादा होता है..
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