दीर्घ रोग का निवारण....
दीर्घ रोग का निवारण....
सूर्य : सूर्य पिता, आत्मा समाज में मान, सम्मान, यश, कीर्ति, प्रसिद्धि, प्रतिष्ठा का करक होता है | इसकी राशि है सिंह | कुंडली में सूर्य के अशुभ होने पर पेट, आँख, हृदय का रोग हो सकता है साथ ही सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न होती है। इसके लक्षण यह है कि मुँह में बार-बार बलगम इकट्ठा हो जाता है, सामाजिक हानि, अपयश, मनं का दुखी या असंतुस्ट होना, पिता से विवाद या वैचारिक मतभेद सूर्य के पीड़ित होने के सूचक है |
उपाय : ऐसे में भगवान राम की आराधना करे | आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करे, सूर्य को आर्घ्य दे, गायत्री मंत्र का जाप करे | ताँबा, गेहूँ एवं गुड का दान करें। प्रत्येक कार्य का प्रारंभ मीठा खाकर करें। ताबें के एक टुकड़े को काटकर उसके दो भाग करें। एक को पानी में बहा दें तथा दूसरे को जीवन भर साथ रखें। ॐ रं रवये नमः या ॐ घृणी सूर्याय नमः १०८ बार (१ माला) जाप करे|
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