श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, दिसंबर 2023 ...

 श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, दिसंबर 2023 ...तक राम मंदिर में श्रद्धालु अपने आराध्य रामलला का दर्शन कर सकेंगे. अयोध्या में बन रहा राम मंदिर 2023 दिसंबर तक राम भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा. राम मंदिर का निर्माण कार्य अयोध्या में काफी तेजी से चल रहा है.

May be an image of temple and text that says 'अयोध्या राम मंदिर: भक्तों के लिए दिसंबर 2023 में खुल जाएगा राम मंदिर'
ट्रस्ट के अनुसार, 110 एकड़ में राम मंदिर कॉम्प्लेक्स का निर्माण हो रहा है. पूरे राम मंदिर कॉम्प्लेक्स के निर्माण में 900 से 1000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा और यह प्रोजेक्ट 2025 तक पूरा होगा. वहीं 67 एकड़ भूमि में बन रहे राम मंदिर के गर्भगृह का निर्माण दिसंबर 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा.
राम मंदिर कॉम्प्लेक्स में म्यूजियम, आर्काइव, रिसर्च सेंटर, एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक, गेस्ट हाउस, प्रसाद बनाने और वितरण के साथ संतों, फजरियों के लिए स्थान होगा. जितने देशों में रामायण लिखी गई है सबकी प्रतियां रहेंगी. राम मंदिर से जुड़ा इतिहास इत्यादी संजोने की व्यवस्था होगी. राम नवमी के दिन सूर्य की रोशनी सीधी गर्भगृह में विराजमान रामलला पर पड़े इसका भी इंतजाम होगा.
राम मंदिर परिसर के पास स्थित हेरिटेज बिल्डिंग्स का रखरखाव भी किया जाएगा. इसमें कुबेर महल, सीता कुंड जैसे स्थानों को अति आधुनिक मंदिर का स्वरूप दिया जाएगा जिसमें प्राचीन भारत की झलक भी दिखेगी. ट्रस्ट ने एक और सुविधा दी है, जिसके तहत रामभक्त मंदिर निर्माण अपनी आंखों से देख सकेंगे. इसके लिए एक व्यू पॉइंट बनाया जा रहा है.
ट्रस्ट के अनुसार, मुख्य मंदिर तीन मंजिला होगा जिसमें पांच मंडप होंगे. माना जाता है कि भगवान राम का जन्म उसी स्थान पर हुआ था. मंदिर की लंबाई 360 फुट, चौड़ाई 235 फुट और प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फुट होगी.
राम मंदिर ट्रस्ट के अनुसार, गर्भगृह को 2023 तक अंतिम रूप मिल जाएगा. पूरा निर्माण 2025 तक पूरा हो जाएगा. पूरा मंदिर परिसर 110 एकड़ में फैला होगा और इसके निर्माण पर 1,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी.
मंदिर के भूतल पर 160 खंभे, पहले तल पर 132 खंभे और दूसरे तल पर 74 खंभे होंगे. मंदिर के गर्भगृह पर बनने वाले शिखर की ऊंचाई जमीन से 161 फंट होगी जिसे राजस्थान से लाए गए पत्थरों और संगमरर से बनाया जाएगा.
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हुआ था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर के निर्माण और प्रबंधन के लिए 05 फरवरी 2020 को ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट’ बनाने की घोषणा की थी
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